Marketing के बारे में पूरी जानकारी |

marketing kya hai

Marketing की परिभाषा जिसे सभी लोग सुनें है, लेकिन क्या आप वास्तव में जानते हैं कि Marketing क्या होती है? इस लेख में हम आपको मार्केटिंग की परिभाषा और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। यदि आप इस blog “मार्केटिंग क्या है?” को पढ़ते हैं, तो आपको इसके अलावा अन्य blogs को पढ़ने की आवश्यकता नहीं होगी।

Table of Contents

What is marketing मार्केटिंग क्या है

Marketing kya hai

Marketing एक प्रकार की प्रक्रिया होती है। जिसका उपयोग व्यापारी अपने उत्पाद की जागरूकता और बिक्री के लिए करते है। इसके अंतर्गत कई प्रकारी की गतिविधियां आती है। जिसके द्वारा उत्पाद की जानकारी ग्राहक तक पहुंचना आसान हो जाता है। अगर हम Marketing को दूसरे शब्दों में जाने तो इसका अर्थ यह भी है, की यह एक ऐसा तरीका है, जो ग्राहक और उत्पाद के बिच एक समबन्ध बनाता है, जिससे की ग्राहक Product के बारे में अच्छी तरह से जान सके।

Marketing का मतलब क्या होता है

Marketing का हिंदी अर्थ “विपणन” होता है, इसके अंतर्गत मार्केटिंग मिक्स उत्पाद, मूल्य, स्थान, प्रोत्साहन की योजना बनाई जाती है, जिन्हे मार्केटिंग की भाषा में 4PS कहते है। एक प्रोडक्ट को बनाने के बाद उसकी जागरूकता करने के लिए marketing  की योजना बनाई जाती है। जिससे ग्राहक का ध्यान प्रोडक्ट पर केंद्रित किया जा सकें। 

मार्केटिंग की विशेषताएं Features of Marketing in Hindi

मार्केटिंग में कई विशेषताएं होती हैं जो एक व्यापार को सफलता की ओर ले जाने में मदद करती हैंmarketingकी विशेषताओं का उल्लेख कर रहा हूं:

मार्केटिंग एक मानव द्वारा किसी कंपनी के लिए किया गया कार्य है। हालाकिं आज के समय में Marketing  के लिए बहुत सारे Tools आ गए है। लेकिन इन सभी का उपयोग भी मानव द्वारा ही किया जाता है। जिसे ध्यान में रखते हुए हम इसे मानवीय कार्य के अंतर्गत ही रखते है।
मार्केटिंग को सामाजिक – अधिक कार्य भी किया जाता है। इसको सामाजिक क्रिया इसलिए कहते है, क्योकिं यह समझ के भीतर रहकर ही किया जाता है, इसे दूसरे शब्दों में आर्थिक क्रिया इसलिए कहते है, क्योकिं मार्कटिंग फायदें के लिए की जाती है।Marketing एक ऐसा कार्य है, जो कभी भी बंद नहीं होता है। हालाकिं मार्केटिंग करने के तरीके बदलते है, लेकिन मार्कटिंग नहीं बदलती है। जो कंपनियां अपने ग्राहक के हित में कार्य करती है, उनके productग्राहक ज्यादा खरीदते है।

मार्केटिंग के प्रकार (Types of Marketing in Hindi)

on page seo

Marketing कितने प्रकार की होती है (Types Of Marketing) अगर हम इसके बारे में बात करें, तो मार्केटिंग Business के आधार पर ऑफलाइन मार्केटिंग और ऑन लाइन मार्केटिंग दो प्रकार की होती है, Online Marketing के अंतर्गत Digital Marketing आदि आती है। तो आइये जानते है, मार्केटिंग के सभी तरह के प्रकार के बारे में 

Acquisition Marketing

Acquisition Marketing जैसा की इसके नाम से पता चलता है, की यहाँ पर हम नई ग्राहकों को बनाने की बात कर रहे है। Acquisition Marketing के अंतर्गत SEO, Blog Content, Landing Page, Social Media और Google Advertisement शामिल है। जो भी नए ग्राहकों को Lead में Convert करने में सहायक होता है, उसे Acquisition Marketing कहते है। Acquisition Marketing के अंतर्गत इस तरह का Content बनाया जाता है, जिससे की ग्राहक सामग्री पर क्लिक करने के लिए मजबूर हो जाए।

Behavioral Marketing

Behavioral Marketing के अंतर्गत Audience का व्यवहार बारीकी से जाँचा जाता है। जिसमे Audience इंटरनेट पर क्या सर्च कर रही है, उसे किस तरह के कंटेंट मैं रूचि है, और भी बहुत सी ऑनलाइन गतिविधियों के आधार पर Behavioral Marketing की जाती है। Audience Behavior को समझने के लिए वेबसाइट पर कई तरह के Tools का उपयोग किया जाता है। जिनके आधार पर Advertising Campaign तैयार किया जाता है।

Brand Marketing

Brand Marketing का लक्ष्य Sales से नहीं होता है। यहाँ पर Brand Value बढ़ने के लिए Advertising Campaign चलाये जाते है। जो की Business को पहचान दिलाने में मदद करता है। इसके अंतर्गत Business का Logo और Website होना बहुत अनिवार्य है। जब आपके Brand की मार्केटिंग में Awareness हो जाती है, तो इसके बाद आप अपने ग्राहकों के लिए Marketing रीसर्च करके उनकी रूचि और जरूरतों को आसानी से जान सकते है।

Advertising

विज्ञापन (Advertising) उस क्रिया को कहते हैं जिसमें व्यापार या सेवा की पदार्थों या विचारों को साझा करने के लिए जनता तक संदेश पहुंचाने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया जाता है। विज्ञापन का उद्देश्य उत्पाद, ब्रांड, सेवा, या व्यवसाय की प्रचार और प्रमोशन करना होता है ताकि जनता इसके बारे में जान सके और उसे खरीदने के लिए प्रेरित हो सके।

विज्ञापन के विभिन्न माध्यमों में टेलीविजन, रेडियो, अखबार, पत्रिका, होर्डिंग, पोस्टर, सोशल मीडिया, इंटरनेट, स्मार्टफोन ऐप्स, आदि शामिल हो सकते हैं। यह माध्यम उच्च संख्या के लोगों तक पहुंच प्रदान करते हैं और विज्ञापन कंपनियों को अपने लक्ष्य ग्राहकों तक अपने संदेश को पहुंचाने का माध्यम प्रदान करते हैं।

विज्ञापन विभिन्न प्रारूपों में हो सकता है, जैसे कि टेलीविजन विज्ञापन, रेडियो विज्ञापन, मुद्रित मीडिया विज्ञापन, ऑनलाइन विज्ञापन, वीडियो विज्ञापन, बैनर विज्ञापन, टेक्स्ट

Affiliate marketing

Affiliate Marketing में किसी भी बढ़ी कंपनी की वेबसाइट से उसके product के लिंक को कॉपी करके अपने ब्लॉग (Blog) या वेबसाइट (Website) पर शेयर करके प्रमोट करना होता है ताकि customer इसे ख़रीदे। Customer के product खरीदने से marketer को उसका कमीशन melta है।

Affiliate Marketing एक तरह का sales model होता है, जिसमे affliliates ऑनलाइन platform और ब्लॉग का इस्तेमाल करते है sales बढ़ाने के लिए। 

बहुत सी ऐसी e-commerce वेबसाइट है जो अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए अलग अलग तरह के affiliate program शुरू करती है।

Affiliate programs  को आप भी join उस company के products को sell करके उस कंपनी से मुनाफा कमा sakte है। ज्यादातर top sellers ने इस affiliate marketing को अपना बिज़नेस बना लिया है। वो लोग side-by-side दूसरी कंपनी के प्रोडक्ट बेचकर काफी कमीशन कमा रहे है 

Event marketing

Event Marketing का उपयोग Business Lasting Relationship बनाने और Target Audience के अनुभव को यादगार बनाने के लिए किया जाता है। Event Idea सम्मेलनों या Online Event से लेकर Product-Forward Workshops तक कही भी हो सकते है। Event Marketing का सबसे प्रभावशाली परिणाम वह होता है, जब आप लोगो के साथ जुड़कर उनके साथ कुछ भावनाएं छोड़ते है।

Product Marketing

Product Marketing करने का मतलब प्रोडक्ट की अच्छी तस्वीरों को वेबसाइट पर डालना नहीं होता है। इसके अलावा भी इसके अंतर्गत और बहुत सारी चीजों का ख्याल रखना पड़ता है। प्रोडक्ट मार्केटिंग में आपको Segmentation, Targeting and Personality के माध्यम से सही ग्राहक बनाने में मदद मिलती है। इसके अंतर्गत आपको KPI पर पूरा ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए कई बड़ी बड़ी कंपनियां जो सॉफ्टवेयर या अन्य SEO Tools आदि प्रदान कराती है, वह अपने Product का Demo Sign-Up प्रदान करती है, जिससे की वह ग्रहाक की समस्यां को समझ सके। अगर उनके टूल्स में किसी भी तरह की कोई समस्यां नहीं होती है, तो उनका डेमो Lead में कन्वर्ट हो जाती है।

Product Marketing

Search Engine Marketing (SEM) के अंतर्गत सभी ऐसी Marketing Strategy शामिल है, जो की Promotion के रूप में कार्य करती है, यह Google और अन्य सभी सर्च इंजन में उपयोग की जाती है। Search Engine Marketing (SEM) का मुख्य टारगेट आपके Business को सर्च इंजन के Search Engine Result Pages (SERPs) पर लाना होता है, जिससे की ग्राहक आपके Business के साथ जुड़ने लगते है। और आदर्श रूप से Click करके आपकी Website पर आते है।

सर्च इंजन मार्केटिंग मुख्य रूप से दो प्रकार से की जाती है, Search Engine Optimization (SEO) and Pay-Per-Click Advertising (PPC) दोनों के बीच में यह अंतर है, की SEO आर्गेनिक होता है, इसके आपको किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं देना पड़ता है, लेकिन वही PPC में आपको Google के द्वारा Advertisement चलाने होते है, जिसमे आपको शुल्क देना पड़ता है। SEO करने के लिए आपको सबसे पहले SEO के बारे में सीखना बहुत जरुरी है, इसके बाद आप SEO कर सकते है। SEO के बारे में सभी जानकारी विस्तार से जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ने SEO

Affiliate marketing

Affiliate marketing शुरू करने से पहले आप को उस website पर जाकर sign up करना होगा, जिसके products की आप affiliate marketing करने वाले है।

उसके बाद वह सभी details jese नाम (Name), ईमेल(E mail Id) और बैंक से जुड़ी जानकारी (Bank details) आदि डालनी होगी।

ये कार्य करने के बाद एक Dashboard खुल जाएगा। जहां आपको काफी सारे products दिखेंगे।

अब आपको उनमे से कोई एक प्रोडक्ट select करना होगा जिसकी आप Affiliate Marketing करना चाहते है।

Product select करने के बाद आपको उस product का लिंक कॉपी करके अपने ब्लॉग या वेबसाइट या सोशल मीडिया ग्रुप पर शेयर करना होगा या आप ads भी दे सकते है।

ऐसा करने से customer जब उस share किये हुए link product की खरीदी करेगा तब उसका आपको कुछ कमीशन मिलेगा।

इसी तरह आप और प्रोडक्ट्स को भी sell कर पाएंगे। आप जितने ज्यादा प्रोडक्ट sell  करोगे। आपकी कमाई उतनी ही अधिक होगी।

B2B (Business To Business)

B2B Marketing का फुल फॉर्म Business To Business मार्केटिंग होता है। इसके अंतर्गत एक बिज़नेस दूसरे बिज़नेस को सर्विसेज बेचता है। यह मुख्यतौर पर Industry या कंपनी पर आधारित होता है। B2B Sales Cycle बड़ा होता है, क्योकिं इसमें Product और Services को खरीदने से पहले Product का Demo और Sales Development आदि शुरू किया जाता है। B2B मार्कटिंग Digital रूप से Industry-specific Conventions के माध्यम से की जाती है। इसमें Professional Audience को Target करने के लिए Linkedin के Job Title Database का उपयोग किया जाता है।

B2C (Business To Customers)

B2C (Business To Customers) मार्केटिंग के अंतर्गत Individual Consumer को टारगेट किया जाता है। ज्यादातर बिज़नेस B2C मार्केटिंग पर ध्यान देते है, ऐसा इसलिए है, क्योकिं B2C मार्केटिंग एक छोटा Sales Cycle होता है। यहाँ पर खरीदारी तुरंत हो जाती है। B2C मार्केटिंग के लिए अपने प्रोडक्ट और सर्विसेज को हमेशा अपडेट करते रहना चाहिए। B2C Marketing के लिए Social Media मार्केटिंग रणनीति एक बेहतर विकल्प है। जहाँ पर टारगेट ग्राहकों को अपने Product को दिखाया जा सकता है।

Contint marketing

अगर में Content Marketing के बारे में बताऊँ तो ये एक ऐसा उपाय है जिसके माध्यम से Valuable content को बनाया जाता है और उसे share भी किया जाता है जिससे की ये customers को अपनी और आकर्षित कर सके और उन्हें repeated buyer में बदल सकें।

आप जो भी content share करते हैं वो आपके उन चीज़ों से काफी समानता रखता हो जो आप बेचते हैं, या हम ये भी कह सकते हैं की आप लोगों को अच्छी जानकारी देते हैं, उन्हें शिक्षित करते हैं ताकि वो आपके विषय में जान सकें, आपको पसंद कर सकें और आपके ऊपर विस्वास कर सकें जिससे वो आपके साथ आगे business कर सकें।

Content Marketing के Examples क्या है

वैसे देखा जाये तो Content Marketing बहुत से प्रकार के हैं. इसलिए सभी को cover करना हमारे पक्ष में मुमकिन नहीं है क्यूंकि फिर भी मैंने कुछ ऐसे उदहारण के बारे में निचे लिखा है जो की आपको इन्हें समझने में मदद करेंगे. यहाँ मैंने 5 प्रमुख उदहारण के विषय में जानकारी दिया है।

1. Infographics. ये मुख्यतः लम्बे, verticla graphics होते हैं जिसमें Statistics, charts, graphs और दुसरे जानकारी को लिखा जाता है. इनमें Images के साथ उनमें सम्बंधित जानकरी भी प्रदान की जाती है. आपके marketing के लिए Infographics बहुत effective बन सकते हैं अगर उन्हें सही तरीके से बना जाये और उन्हें सही तरीके से Share किया जाये. इन Infographics को आप खुद भी बना सकते हैं या किसी दुसरे professional के द्वारा भी बना सकते हैं।


2. Webpages. Normal Webpages और एक Content Marketing Webpages में काफी अंतर है. क्यूंकि यदि आप किसी Webpages को अच्छी तरीके से लिखें और उन्हें सही तरीके से SEO optimized करें तब इससे आप बहुत से लोगों को अपनी और आकर्षित कर सकते हैं. क्यूंकि ये आसानी से Rank हो जायेगा जो की आपके Brand के लिए बहुत ही अच्छा है।

3. Podcasts. Content Marketing में Podcasts का भी काफी महत्व है. ये आपके Contents को लोगों के सामने अच्छे तरीके से प्रदर्शित करता है. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग आपके विषय में जान सकें. इससे आपके Brand की publicity भी हो जाती है।

4. Videos. कहते हैं की Text की तुलना में Videos बहुत ही आकर्षक होते हैं और इन्हें आसानी से share भी कर सकते हैं. Videos में customers आपके content के विषय में अच्छे तरीके से जानते हैं और उसे देखते हैं जिससे उनमें आपके content को लेकर विस्वास उत्पन्न होता है. इससे आपके Brand की value बढ़ जाती है जो की आपके Branding Value के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

5. Books या Text. Text एक बहुत ही महत्वपूर्ण तरीका है content marketing के लिए. यहाँ Marketers अच्छे content लिखकर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर सकते हैं. वैसे ही आप Books का इस्तमाल एक Marketing tool के हिसाब से भी कर सकते हैं. इससे आपका Branding Value भी बढ़ता है और लोगों का आपके ऊपर विस्वास भी बढ़ जाता है।

Content Marketing क्यो जरुरी है?

बात उठता है की आखिर ये Content Marketing क्यूँ जरुरी है. देखा जाये तो Content Marketing क्या है समझने से ज्यादा जरुरी है ये है की ये समझना की आखिर ये Content Marketing क्यूँ जरुरी है. इससे पहले हमें buying cycle के मुख्य चार steps को समझना ज्यादा जरुरी है 

1. Awareness. Awareness का होना बहुत ही जरुरी है क्यूंकि Customers को ये पता ही नहीं होता है की उनके problem का एक Solution भी मेह्जुद है।

2. Research. एक बार Customer को ये पता चल जाये की उनके problem का एक solution भी है तब वो अपने आपको educate करने के लिए research करेंगे. उदहारण के स्वरुप एक car buyer एक नयी car लेने से पहले अलग अलग cars के सम्बंधित में research करते हैं ताकि वो ये जान सकें की उनके लिए कोन सा सही रहेगा।

3. Consideration. अब customer अलग अलग products को different vendors से compare कर सकते हैं ताकि उन्हें ये पता चल सके की उन्हें सही price में कोन सा high quality product मिल सके।

4. Buy. और Finally, Customer अपना decision लेता है और transaction करने के लिए आगे बढ़ता है.

Traditional advertising और marketing दोनों बहुत ही कारगर सिद्ध होते हैं जब हम second दो steps की बात करें तब. Content marketing लेकिन buying process के पहले दो stages में ज्यादा कारगर सिद्ध होता है. इससे solutions के प्रति awareness और consumers को educate किया जा सकता है product के विषय में की consumers की राय को भी सुधारा जा सकता है।

Content marketing और भी additional benefits प्रदान करते हैं क्यूंकि ये दुसरे digital marketing channels को भी support करते हैं. ये Social Media के लिए additional content भी प्रबंध करता है।

Conversational

संवादात्मक हिंदी (Conversational Hindi) वह हिंदी है जो संवादात्मक और सामान्य बोलचाल के लिए उपयोग होती है। यह उस भाषा का रूप है जिसमें लोग आपस में बातचीत करते हैं, दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली भाषा है। संवादात्मक हिंदी में साधारणतया उपयोग होने वाले शब्द, वाक्य, और वार्तालापिक प्रश्न होते हैं। इसमें व्याकरण और शास्त्रीय नियमों की कम परियोजना होती है और इसका मुख्य उद्देश्य आसानी से बोली जाने वाली भाषा में संवाद करना होता है। संवादात्मक हिंदी के उदाहरण में रोज़मर्रा के वार्तालाप, सामान्य प्रश्नोत्तरी

Digital marketng

डिजिटल मार्केटिंग (Digital Marketing) एक प्रयास है जिसमें इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक म का उपयोग करके उत्पादों और सेवाओं को प्रमोट करने का काम किया जाता है। यह मार्केटिंग का एक आधुनिक रूप है जो वेबसाइट, ईमेल, सोशल मीडिया, खोज इंजन विपणन (SEM), सामग्री विपणन, मोबाइल मार्केटिंग और अन्य इंटरनेट पर उपस्थित माध्यमों का उपयोग करके आपरेशन करता है।

अपने प्रोडक्ट को डिजिटल माध्यम से ग्राहकों तक पहुंचने की क्रिया को डिजिटल मार्केटिंग कहते है। यह एक प्रकार की डिजिटल Strategy होती है, जो की इंटरनेट के माध्यम से की जाती है। जिसे Internet Marketing भी कहते है। डिजिटल मार्केटिंग के द्वारा ऐसे सभी ग्राहकों को अपनी सेवाएं या प्रोडक्ट दिखाए जा सकते है, जो की अपने मोबाइल, कंप्यूटर, लेपटॉप, में इंटरनेट का उपयोग करते है।

डिजिटल मार्केटिंग की शुरुआत सबसे पहले 1971 में की गयी थी। सबसे पहले इंटरनेट मार्केटिंग के लिए रे टॉमलिंसन ने पहला ईमेल भेजा था। हालाँकि उस समय भारत में कोई भी इस तकनीक को नहीं जानता था। लेकिन 1990 के दशक में डिजिटल मार्केटिंग पूरी दुनिया में एक क्रांति की तरह फेल गयी। इसको नई तकनीकियों के साथ जोड़ा गया।

कई Search Engine बनाये गए। इसके अलावा कई ऑनलाइन डिस्क की स्टोरेज भी बढ़ाई गयी, जिसकी मदद से आज हम अपना बहुत सारा डाटा ऑनलाइन सेव कर पाते है। डिजिटल मार्केटिंग इंटरनेट से जुड़ी है, इसलिए इसे इंटरनेट मार्केटिंग भी कहते है। इसके द्वारा कम्पनिया अपने प्रोडक्ट की इनफार्मेशन को नए ग्राहकों को कम समय में पहुँचती है।

डिजिटल मार्केटिंग का सबसे बड़ा महत्त्व होता है, की इसके द्वारा ग्राहकों की सभी गतिविधियों पर नजर रख सकते है। अगर कोई ग्राहक आपके सामान को पसंद करता है, लेकिन वह खरीद नहीं पाता है, तो इसकी सहायता है, उसी ग्राहक हो कई दिनों तक विज्ञापन दिखाए जा सकते है,

यह डिजिटल मार्केटिंग का एक हिस्सा है, जिसे Remarketing कहते है? इसके अलावा ग्राहक को कई नोटिफिकेशन द्वारा भी अपने उत्पादों की जानकारी दी जा सकती है, जिसमे सबसे अच्छे मूल्य या कोई विशेष छूट आदि।

Email marketing

ईमेल मार्केटिंग (Email Marketing) एक डिजिटल मार्केटिंग तकनीक है जिसमें ईमेल का उपयोग करके संदेशों को व्यक्तियों या संगठनों के साथ संचार करने के लिए किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य उपभोक्ताओं के साथ संवाद करके उन्हें उत्पादों या सेवाओं के बारे में सूचित करना, प्रमोट करना और ब्रांड की पहचान और विश्वास को बढ़ाना होता है।

ईमेल मार्केटिंग अपने उपयोगकर्ताओं के साथ सीधे संपर्क स्थापित करने का एक व्यापक तरीका है। व्यवसायों और विपणन कंपनियों के द्वारा उपयोग किए जाने वाले ईमेल विपणन के तत्व में शामिल हो सकते हैं विज्ञापन, संबोधन, ऑफर, न्यूजलेटर, उत्पाद या सेवा की जानकारी, लॉयल्टी प्रोग्राम अपडेट आदि।

इसके लिए, एक ईमेल मार्केटर उपयोगकर्ताओं के सूची या डेटाबेस को बनाता है और फिर इसका उपयोग करके ईमेल संदेश भेजता है। इसमें आपके विचारों, उत्पादों या सेवाओं की प्रचार, विशेष प्रस्ताव, नवीनतम

इनबाउंड मार्केटिंग (Inbound Marketing )

इनबाउंड मार्केटिंग में आपके बिज़नेस और वेबसाइट का प्रचार-प्रसार क्वालिटी कंटेंट के माध्यम से किया जाता है जैसे ब्लॉग्स ,सोशल मीडिया ,वीडियोस ,पॉडकास्ट और माध्यम से।इनबाउंड मार्केटिंग मार्केटिंग का नया Concept है। इनबाउंड मार्केटिंग में Interested ग्राहकों या पाठकों को आकर्षित किया जाता है।  Userकी जरूरतों को Target करके कंटेंट बनाया जाता है । ग्राहकों को आकर्षित करता है। ग्राहक खुद अपनी जरूरतों के अनुसार प्रोडक्ट के लिए आपके पास आता है। इनबाउंड मार्केटिंग ज़्यदा प्रभाव शाली है आउटबाउंड मार्केटिंग से। ज़्यदा प्रॉफिट होता है क्यूंकि Targeted Audience होती ह

आउटबाउंड मार्केटिंग (Outbound Marketing)

आउटबाउंड मार्केटिंग में आपके बिज़नेस का प्रचार -प्रसार अलग -अलग प्रकार के विज्ञापनों के माध्यम से किया जाता है जैसे – टीवी विज्ञापन ,रेडियो विज्ञापन ,होल्डिंग ,बिलबोर्ड्स,न्यूज़ पेपर और मैगज़ीन के माध्यम से किया जाता है आउटबाउंड मार्केटिंग पारम्परिक तरीका है जो अब पुराना हो चूका है। हर किसी को आकर्षित करने की कोशिश किया जाता चाहे किसी को उसमे रूचि हो या ना हो।प्रोडक्ट को टारगेट करके कंटेंट बनाया जाता है। ग्राहक को तलाश करना पड़ता है। कम प्रभावशाली है इनबाउंड मार्केटिंग से प्रॉफिट कम होता है इनबाउंड मार्केटिंग से।

5. Benifits s advantagis of marketing

मार्केटिंग के लाभ और फायदे कई होते हैं। यह व्यापार और उद्यमिता के लिए महत्वपूर्ण होता है और निम्नलिखित कुछ मुख्य लाभ हैं:

  1. ग्राहकों की पहचान और विश्वास: मार्केटिंग के माध्यम से आप अपने उत्पाद या सेवाओं की पहचान और विश्वास को बढ़ा सकते हैं। अच्छी मार्केटिंग करने से आपके ग्राहक आपकी ब्रांड को जानते हैं और उस पर भरोसा करते हैं।
  2. बिक्री और आय की वृद्धि: सुगमता से एवं सही ढंग से मार्केटिंग करने से आपके उत्पाद या सेवाओं की बिक्री में वृद्धि होती है और आपकी कंपनी की आय बढ़ती है।
  3. नए ग्राहकों को आकर्षित करना: एक अच्छी मार्केटिंग कैंपेन के माध्यम से आप नए ग्राहकों को आकर्षित कर सकते हैं। आप उन्हें अपने उत्पाद या सेवाओं के बारे में जानकारी और प्रस्ताव प्रदान करके उन्हें आपकी कंपनी की ओर खींच सकते हैं।
  4. विपणन खर्च कम करना: डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से विपणन के खर्च को कम किया जा सकता है।
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