आज के blog post में हम On-Page SEO in Hindi के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। यह digital marketing का important part है और हम इसके बारे में details में जानकारी प्राप्त करेंगे कि, आज के दौर में, एक website या blog post को search engine से ट्रैफिक प्राप्त करने के लिए On-Page SEO करना most important है। इसलिए, हमें SEO के बारे में details जानना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। तो इस blog में हम On-Page SEO in Hindi से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे। इसलिए, इस On-Page SEO in Hindi post को last तक जरूर पढ़ें।
Table of Contents
On-Page SEO क्या है?
On-page SEO एक ऐसी Technique है जिससे हम अपने वेब पेज को कुछ इस प्रकार से optimize करते हैं की सर्च इंजन पर वह वेबसाइट या ब्लॉग-पोस्ट रैंक करे ताकि ज्यादा से ज्यादा हमारी वेबसाइट पर ट्रैफिक आ सके।
On-page SEO से हम किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग पोस्ट के कंटेंट को Optimize करते हैं ताकि जब भी गूगल का क्रॉलर या कोई यूजर हमारे वेबसाइट के कंटेंट को रीड करें वह आसानी से समझ सके कि आपका कंटेंट किस बारे में है |
आसन भाषा में बताऊ तो On-Page SEO में हमे अपने वेबसाइट और वेब-पेज पे on-page काम करना होता है और उन्हें सर्च इंजन एल्गोरिथ्म के अनुसार सही प्रकार से Optimize करना होता है ताकि जब भी हमारी वेबसाइट पर गूगल का क्रॉलर आये तो उसे हमारी वेबसाइट को समझने में कोई भी परेशानी ना हो|
On Page SEO कैसे करे
On-Page SEO में वो सभी Factors आते है जिसमे हम अपने वेबसाइट या ब्लॉग-पोस्ट को लिखते समय उन Factors को इम्प्लीमेंट करे, ताकि हमारी वेबसाइट गूगल के First search result page पर रैंक करे सके अब सवाल यह आता है की On-page SEO कैसे करे on page SEO करते समय इन फैक्टर्स को जरुर ध्यान रखे जो इस प्रकार है
Title tag
Headings
URL Structure
Alt text for images
keywords research
Meta descriptions
Website speed
Quality content
Internal linking
External linking
On-Page SEO Ranking Factors
अपने ब्लॉग-पोस्ट को गूगल के पहले पेज पर रैंक कराने के लिए हमको अपने ब्लॉग-पोस्ट पर कई चीजों को optimize करना पड़ता है ताकि जब हमारी पोस्ट को गूगल का क्रॉलर रीड करने आये तो उसे अच्छी तरह समझ आ जाए की हमारा ब्लॉग-पोस्ट किस बारे में लिखा गया है
अपने ब्लॉग-पोस्ट या वेबसाइट का On-Page SEO करते समय कुछ चीजों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है जैसे कि
Title Tags
Title Tag एक HTML element है, प्रत्येक title tag unique होना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा उस टाइटल पर क्लिक मिले,
Title tag को अपने ब्लॉग पोस्ट से relative ही बनाये और Title tag बनाते समय title की length 65 करैक्टर से अधिक नहीं होनी चाहिए क्योंकि Google अपने सर्च रिजल्ट्स में 65 characters से अधिक title length को नहीं दिखाता है |
Headings
वो titles होते हैं जिन्हें की आप अपने content को देते हैं, और बेहतर परिणाम के लिए इन्हें H1 format में ही होनी चाहिए. Headings हमेशा relevant और descriptive शब्दों पर ज्यादा focussed होनी चाहिए, इसके साथ उन्हें ऐसे optimize करनी चाहि एसाथ में आप अपने content को छोटे छोटे हिस्सों में भी break कर सकते हैं
इसके लिए आप subheadings (H2 से लेकर H6) का use कर सकते हैं लेकिन sub-हैडिंग में आपके ब्लॉग का प्राइमरी
URL Structure
इससे सर्च इंजन को यह समझने में मदद मिलती है कि आपका पोस्ट किस बारे में है। URL को हम Permalink भी कहते है और URL को optimize करते समय इन बातो का जरुर ध्यान रखे
पोस्ट का URL को हमेशा छोटा रखें|
Main keywords को URL में जरुर रखे|
URL में Lowercase Letter का उपयोग करें|
हमेशा यूजर फ्रेंडली URL Create करने की कोशिश करे|
URL में Special characters, Stop word और Special characters का use नहीं करना चाहिए|
Alt text for images
जब हम अपने ब्लॉग पोस्ट में कोई इमेज use करते है तो उस इमेज को गूगल का स्पाइडर समझ नहीं पता है की यह इमेज किस बारे में है इसलिए अपने ब्लॉग में इमेज का ALT text जरुर दे इससे गूगल का स्पाइडर को यह पता चलता है की यह इमेज किस बारे में है |
Keywords research
ब्लॉग-पोस्ट लिखेने से पहले Keywords Research जरुर करें और फिर उन Keywords को अपने ब्लॉग-पोस्ट के Title, URL, First Paragraph, Headings इत्यादि में जरुरु इस्तेमाल करें. Internet पर Keywords Research के लिए बहुत सारे Free और Paid Tools देखने को मिल जायेगे
Meta descriptions
Meta description में हमे यह लिखना होता होता है की यूजर को हमारी पोस्ट क्यू रीड करनी चाहिए लेकिन इसमें में हमे ब्लॉग का फोकस किवोर्ड जरुर देना होता है जिसे यूजर को यह clear हो जाये की यह पोस्ट किस बारे में है और मुझे यह पोस्ट क्यू रीड करनी चाहिए |
Meta description को 160 characters के भीतर ही शीमित रखना चाहिए|
Website speed
वेबसाइट की गति उस समय को दर्शाती है जब एक वेब पेज को लोड करने और उसकी सामग्री को पूर्णतया प्रदर्शित करने में कितना समय लगता है। यह उपयोगकर्ता अनुभव में एक महत्वपूर्ण कारक है, क्योंकि दर्जनों के लिए धीमी वेबसाइट की बारहवीं प्राथमिकता नहीं होती है। तेज लोड होने के समय उन्नत उपयोगकर्ता गतिविधि, उच्च परिवर्तन दरें और बेहतर सर्च इंजन रैंकिंग के प्राप्ति का कारण बन सकता है।
वेबसाइट की गति को कई कारकों में विभाजित किया जाता है, जैसे:
सर्वर की प्रदर्शन: वेबसाइट की होस्टिंग करने वाले वेब सर्वर की गति और प्रदर्शन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अच्छी रूपरेखा वाले सर्वर और पर्याप्त संसाधनों वाले सर्वर सामग्री को तेजी से प्रदान कर सकते हैं।
Quality content
गुणवत्ता सामग्री वेबसाइट और ब्लॉग के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करती है, उनकी रुचि बढ़ाती है और साझा करने के लिए मोटी कारण बन सकती है। यह सामग्री योग्यता, विशेषता और अद्वितीयता के साथ लिखी जाती है और उपयोगकर्ताओं की मांगों और आवश्यकताओं को पूरा करती है। गुणवत्ता सामग्री वेबसाइट या ब्लॉग के संचालन को सफल बनाने में मदद करती है और ऊँची स्तर पर प्रदर्शन करती है।
Internal linking
दो या दो से अधिक वेब-पेजों को आपस में जोड़ना को ही Linking कहा जाता है |
जब हम अपने वेब-पेज में अपनी वेबसाइट के दुसरे वेब-पेज को लिंक करे है तो इसे Internal लिंक कहा जाता है, अगर On-Page SEO के Point of View से देखा जाये तो Internal लिंक भी बहुत महत्वपूर्ण होता है, इससे हमारी वेबसाइट पर आने वाले यूजर का engagement बढता है और वेब-पेज का बाउंस रेट भी बढता है और साथ ही google मे रैंकिंग करने मे भी मददगार साबित होती है।
External linking
जब हम अपने वेब-पेज में दूसरी वेबसाइट के वेब-पेज को लिंक करे है तो इसे External लिंक कहा जाता है|
इससे Google को आपके पोस्ट के टॉपिक के बारे में जानकारी मिल जाती है, और गूगल को आपकी वेबसाइट पर trust भी बड जाता है, लेकिन हमें External करते समय यह ध्यान रखना चाहिए की अपनी ब्लॉग-पोस्ट से सम्बंधित वेबपेज का ही External लिंक करें और साथ ही उस वेबसाइट का DA (Domain Authority)और PA (Page Authority) भी अच्छी होनी चाहिए|
On Page SEO करना क्यों जरुरी होता है?
अगर आपको अपने ब्लॉग-पोस्ट या वेबसाइट पर सर्च इंजन से ट्रैफिक चाहिए तो आपको अपनी वेबसाइट का On-page SEO करना ही पड़ेगा क्योंकि आज की डेट में ज्यादात्तर लोग इन्टरनेट से जुड़े हुए है और अपनी चीजें गूगल सर्च इंजन पर सर्च करते हैं, इसलिए आपको अपने ब्लॉग पोस्ट को गूगल पर रैंक कराने है तो आपको SEO (search Engine Optimization) करना ही पड़ेगा लेकिन On-page SEO की सबसे अच्छी बात यह है की जितना ज्यादा आप अपनी वेबसाइट या ब्लॉग-पोस्ट के कंटेंट को optimize करोगो इतना ही अच्छा रिजल्ट आपको देखने को मिलेगा
on page seo techniques
निम्नलिखित हैं कुछ On-Page SEO तकनीकों के उदाहरण:
कीवर्ड अनुसंधान: अपनी वेबसाइट के लिए सही कीवर्ड्स का अनुसंधान करें और उन्हें अपने पेजों के शीर्षक, URL, मेटा विवरण, शीर्षक टैग आदि में शामिल करें।
उपयोगकर्ता के लिए संगठन: अपनी सामग्री को इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के लिए सुविधाजनक और संगठित बनाएं। उपयोगकर्ताओं को आसानी से नेविगेट करने और चाहिए गई जानकारी को ढूंढ़ने में मदद करें।
सुंदर URL: अपनी पेजों के URL को सुंदर, संक्षेपित और साफ करें। मुख्य कीवर्ड्स का उपयोग करें और सामग्री के संबंध में स्पष्टता लाएं।
मेटा विवरण और शीर्षक: प्रत्येक पेज के लिए विशेष, आकर्षक और विवरणात्मक मेटा विवरण बनाएं और शीर्षक (H1) को सही ढंग से उपयोग करें।
इमेज ऑप्टिमाइजेशन: अपनी इमेज को प्रकाशित करने से पहले उचित आकार में कम्प्रेस करें और योग्य फ़ाइल नाम, टैग और विवरण जैसी मेटा डेटा का उपयोग कर
On-Page SEO समझने से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण Terms
दोस्तों अगर आप On Page SEO को बिलकुल ही Basic लेवल से जानना चाहते हो की On Page SEO क्या है ( What is On Page SEO In Hindi ) तो आपको ये जानने से पहले कुछ Important Terms के बारे में जानना बेहद जरुरी है ताकि आप SEO के Technical Terms को भी आसानी से समझ पाए तो चलिए देखते हुई On Page SEO in Hindi समझने से पहले कुछ महत्वपूर्ण Terms.
Algorithm: Algorithm गूगल के द्वारा बनाया गया Set of Rules है और बहुत सारे Factors है जिसे Follow करके हम अपने Website को Search Engine Result Page में Rank करा सकते है। Search Engine के द्वारा बनाये गए Rules को ही Algorithm कहते है।
Web Pages: वेब पेजेज का मतलब होता है website के Pages। एक website में जितने भी Blogs या कुछ भी होते है उनके Separate Pages होते है जिन्हे Web Pages कहते है।
Optimize / Optimization: Optimize या Optimization का मतलब होता है सुधारना या SEO के Factors के अनुसार अपने Web Pages को ठीक करना और सुधारना।
Spider: Spider गूगल का Reader है जो हमारे website पे Publish किये जाने वाले Content को पढता है और Content के बारे में समझ पाता है।
SEO Factors: SEO Factors आपको नाम से ही पता चल रहा होगा सो मतलब Search Engine Optimization और factors मतलब वो factors जिससे अपने website को बहुत सारे Search Engine के factors के द्वारा Optimize (सुधारना) करना। SEO factors वो factors या वो Steps है जिन्हे Follow करके हम अपने वेबसाइट को Optimize करते है। जैसे एक Web Pages में Ranking के लिए क्या होना चाहिए और क्या नहीं होना चाहिए ये सारी चीज़े।
On-Page SEO को सही प्रकार से सिखने के लिए कितना समय लग सकता है|
On-Page SEO सीखने में भी समय की आवश्यकता होगी। यह आपकी पूर्व जानकारी और अनुभव पर निर्भर करता है। आप SEO ऑनलाइन प्लेटफोर्म से सीख सकते हैं, जैसे कि ब्लॉग और YouTube।
अगर आप On-Page SEO को सही प्रकार से सिखाना चाहते है तो आप 2 से 3 महीने की अवधि में सीख सकते हैं। इसमें आपको अपनी साइट के टाइटल टैग, मेटा डिस्क्रिप्शन, हेडिंग टैग, कंटेंट और इमेजेज के लिए अपटिमाइजेशन के बारे में सीखना होगा।
हालांकि, इसके अलावा SEO को अधिक गहराई तक सीखने के लिए, आपको अन्य फैक्टर्स भी समझने की आवश्यकता होगी, जैसे कि Website speed, Mobile Responsive Site, Internal Linking, Website Structure इन सभी फैक्टर्स को समझने और उन्हें सिखने में आपको और भी समय लग सकता है।